Sunday, April 11, 2010

ज़िन्दगी एक ऐसी पहेली है

ज़िन्दगी एक ऐसी पहेली है
उसे जितना सुलझाओगे
उतना उलझते जाओगे
उलझन की जलन इतनी बढ़ जाएगी
कि उसमें खुद ही जल जाओगे
हर चीज एक ऐसा सवाल है
जिसका जवाब किसी के पास नहीं
ख़ुशी नाम कि कोई चीज नहीं
और गम का कोई अंत नहीं
ये सवाल ज़िन्दगी से बड़े हो जाते हैं
हम बस उन्ही में खो जाते है
मैं भी उनमें से एक हूँ
दिल से सीधा सादा और नेक हूँ
फिर भी मुझ पर उठते कई सवाल हैं
मेरे नाम को लेकर मचते कई बवाल हैं
जब जब भी ऐसा होता है
मैं हैरान हो जाता हूँ
फिर अपने को कोसता हुआ
उन उलझनों में खो जाता हूँ

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