Saturday, April 17, 2010

मुझे प्यारा है अकेलापन

मुझे प्यारा है अकेलापन
क्योंकि तब तुम मेरे पास होती हो
लगता है सुहाना अँधेरा
क्योंकि तब तुम मुझे
अपनी रोशनी से भर देती हो
तब तुम्हारी हँसी मेरे कानों में
खनकती है
तुम्हारी खुशबू से मेरी साँसें महकती हैं
अच्छा लगता है जब तुम्हे अपने आप में पाता हूँ
तुम्हे पाकर तुममें ही खो जाता हूँ
दुनिया की सारी खूबसूरती
साड़ी नेमतें
एक तुम्हारे एहसास में ही समा गई हैं
तुम्हारी आँखों की चमक
दर्द-ओ-गम के सारे निशाँ मिटा गई है
अपने अकेलेपन में मैं
तुम्हारी यादों को समेटता हूँ
जब अँधेरा होता है
तब तुम्हारे मासूम चहरे को देखता हूँ
तुमने मेरे हर पल को
ख़ुशी से भर दिया है
हर गम को दूर कर दिया है
पर ऐसा तो अक्सर
पागलों के साथ होता है
शायद तुमने मुझे पागल कर दिया है

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