Monday, April 26, 2010

माना, नहीं तू दुनिया में

माना, नहीं तू दुनिया में
सबसे हसीं
माना,
तेरा चेहरा नहीं
ज़माने में सबसे ज़हीन
मेरा नहीं कोई इख्तियार है
क्योंकि उनसे नहीं
तुमसे मुझे प्यार है

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