Monday, April 26, 2010

अनवरत

अनवरत
सूरज का आना
रोशनी फैलाना
अनवरत
चाँद का चमकना
तारों का दमकना
अनवरत
पवन का बहाव
अपनों से मन का जुड़ाव
अनवरत
धरती का घूमना
लहरों का तट को चूमना
प्रकृति का दान है
अनवरत
जीवन का गान है

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