Friday, April 30, 2010

मैंने तुम्हे महसूस किया है

मैंने तुम्हे महसूस किया है
तब, जब हवायें शोर करती हैं
या जब हो जाती हैं वो बेजुबां
     मैंने तुम्हे महसूस किया है
जब भीड़ में आ जाती है तन्हाई
या जब गीत गाती हैं खामोशियाँ
     मैंने तुम्हे महसूस किया है
जब शाम के धुंधलके में
रात समाने लगती है
या जब तेज़ हवायों पर सवार
बूंदों का तूफ़ान गुज़र जाता है
     मैंने तुम्हे महसूस किया है
जब दिल खिल जाता है खुशियों से
या जब मन उदासी के पड़ाव पर ठहर जाता है
     मैंने तुम्हे महसूस किया है
सीधे-सीधे कहूँ तो
हर धड़कन, हर साँस में
उस हर एक लम्हे में
जो मैंने जिया है
     मैंने तुम्हे महसूस किया है

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