Friday, April 30, 2010

कल जब मैंने अपने दिल से पूछा

कल जब मैंने अपने दिल से पूछा
कि वो तुम्हें इतना प्यार
आखिर करता क्यों है
मेरे दिल ने मुझ पर ही
सवाल दाग दिया
कहने लगा
सूरज क्यों देता है रोशनी
हवाओं में क्यों ज़िन्दगी है
तितली में क्यों रंग हैं होते
ज़माने में क्यों बंदगी है
झरना क्यों बहता रहता है
सागर में क्यों लहरें है
जहाँ भर के दर्द मिटाते
क्यों मासूम चेहरे हैं

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