कमल की कोमलता
गंगाजल की पवित्रता
सूर्य का तेज
चन्द्रमा की शीतलता
नदी का प्रवाह
पवन का बहाव
रजनीगंधा की सुगंध
माँ की ममता
नवजात बच्चे की मासूमियत
गाय की सरलता
हिरण की चपलता
वट वृक्ष की स्थिरता
इन सबको मिला कर
एक मूरत बनी
और जब उसमें
मेरे प्राण डाले गए
तब तुम बनी !
Sunday, April 18, 2010
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