Sunday, April 18, 2010

कानों को बहरा करते इस शोर से

कानों को बहरा करते इस शोर से
अब जी भर गया है
तुम कह दो चंद लफ्ज़ तो
कहानी बन जाये
करतब हर पल नये होते हैं
फिर भी उदास है दुनिया
बस एक नज़र जो देख लो
करतब ज़माने के तुम
तो ये दुनिया दीवानी बन जाये
हर नये पल में दुनिया
दर्दों का घर बन रही है
छू दो इसे हाथों से अपने
ये फिर इ पुराणी बन जाये
तनहा गुज़र रही है
हर शाम ज़िन्दगी की
आ जाओ तुम्हारी खुशबू से
ये शाम सुहानी बन जाये

No comments:

Post a Comment